आपने लोगों को लोन के बारे में बात करते हुए सुना होगा, तो शायद आपके मन में भी ये ख्याल आया होगा कि आख़िर लोन क्या होता है। जब लोन से जुड़ी बातें होती हैं तो ज़्यादातर लोग ये ज़रूर जानते होंगे कि लोन क्या होता है, लेकिन यहां आप इससे जुड़ी दूसरी ज़रूरी बातें भी जानेंगे।
आमतौर पर अपने तत्काल जरूरत को पूरा करने के लिए व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति से पैसे उधार लेता है और उसे उधार के बदले निश्चित शर्तों के तहत मूलधन के साथ ब्याज का भुगतान किया जाता है। सरकारी और प्राइवेट बैंक के साथ-साथ अन्य वित्तीय संस्थान भी पैसे उधार देते हैं, इसके बाद उधार लिए गए पैसे के साथ ब्याज का भुगतान लेने वाले व्यक्ति द्वारा किया जाता है। उधार लिए गए पैसे को ही लोन कहा जाता है।

जब आप किसी बैंक की आवृत्ति है संस्थान से लोन लेते हैं तो वह मुख्यतः सुरक्षित और असुरक्षित प्रकार का होता है जो आपकी अलग-अलग जरूरत को पूरा करता है।
लोन के प्रकार
बैंक और फाइनेंस कंपनियाँ अलग-अलग जरूरतों के लिए पैसे उधार देती हैं, जिन्हें दो तरह से बाँटा जाता है – सुरक्षित और असुरक्षित।
इसके अलावा, सरकार किसानों और नए बिजनेस शुरू करने वालों के लिए भी खास स्कीम्स लाती है, जिससे उन्हें आसानी से पैसा मिल सके।
सुरक्षित लोन
जब किसी व्यक्ति को खुद के लिए या व्यवसाय के लिए बड़ी धनराशि की आवश्यकता होती है, तो बैंक और वित्तीय संस्थान उस व्यक्ति की संपत्ति या किसी मूल्यवान वस्तु को गिरवी रखकर लोन प्रदान करते हैं, जिसे सुरक्षित लोन कहा जाता है। यह लेने के लिए कोई संपत्ति, जैसे घर, जमीन, सोना, वाहन, या फिक्स्ड डिपॉजिट देना पड़ता है। यदि उधारकर्ता वापस चुकाने में असमर्थ रहता है, तो बैंक उस गिरवी रखी संपत्ति को बेचकर दी गयी राशि वसूल कर सकता है।
सुरक्षित लोन लेने का सबसे बड़ा फ़ायदा यह होता है कि इस पर ब्याज दर असुरक्षित लोन की तुलना में कम होता है, क्योंकि इसमें बैंक को कम जोखिम होता है। इसके अलावा, यह लोन लंबी अवधि (5 से 30 साल तक) के लिए मिल सकता है, जिससे उधार लेने वाले के लिए ईएमआई को चुकाना आसान हो जाता है।
यह लोन घर खरीदने, व्यापार बढ़ाने, उच्च शिक्षा, मेडिकल इमरजेंसी या किसी अन्य बड़ी ज़रूरत के लिए लिया जाता है। हालाँकि, इसे लेने से पहले अपनी वित्तीय स्थिति का सही आकलन करना आवश्यक है, ताकि भविष्य में भुगतान संबंधी परेशानियों का सामना आपको ना करना पड़े।
1. होम लोन
नया घर खरीदने, घर बनाने, पहले से मौजूद घर का सुधार करने या किसी पुराने लोन का बैलेंस ट्रांसफर करने आदि के लिए लिया जा सकता है। होम लोन सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत भी मिल सकता है, जिससे पहली बार घर खरीदने वालों को सब्सिडी मिलती है और ब्याज दरें कम हो जाती हैं।
कई वित्तीय संस्थान वेतनभोगी व्यक्तियों, स्वरोजगार करने वालों और बिजनेस मालिकों को उनकी आय और क्रेडिट स्कोर के आधार पर होम लोन प्रदान करते हैं। ब्याज दरें फिक्स्ड और फ़्लेक्सिबल दोनों प्रकार की हो सकती हैं और उधारकर्ता अपनी सुविधा के अनुसार इनमें से चुन सकता है।
यह सिर्फ घर खरीदने में मदद नहीं करता, बल्कि यह एक अच्छा निवेश भी हो सकता है। समय के साथ प्रॉपर्टी की कीमत बढ़ती है, जिससे बाद में इसे बेचने पर ज्यादा फायदा मिल सकता है।इसके अलावा, भारत सरकार होम लोन पर टैक्स में कई तरह के फायदे देती है, जिससे इनकम टैक्स में बचत हो सकती है। लेकिन पहले यह देखना जरूरी है कि आप हर महीने EMI समय पर भर सकें, क्योंकि अगर किस्तें नहीं चुकाईं तो बैंक घर को नीलाम कर सकता है।
होम लोन लेने से पहले अलग-अलग बैंकों की ब्याज दरें, प्रोसेसिंग फीस और चुकाने की अवधि पर ध्यान देना जरूरी होता है। कई बैंक और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां ऑनलाइन होम लोन की सुविधा देती हैं, जिससे प्रोसेस आसान और तेज हो जाता है। अगर सही प्लानिंग और समझदारी से लिया जाए, तो यह जिंदगी का सबसे अहम और फायदेमंद फैसला बन सकता है, जो आपके सपनों का घर पाने में मदद करता है।
2. कार लोन
कार लोन एक ऐसा फाइनेंशियल ऑप्शन है जिसे बैंक और फाइनेंस कंपनियां देती हैं, जिससे ग्राहक अपनी पसंद की कार खरीद सकते हैं और उसे आसान EMI में चुका सकते हैं।
कार लोन दो तरह के होते हैं – न्यू कार लोन और यूज्ड कार लोन। अगर आप नई कार खरीद रहे हैं, तो बैंक कार की ऑन-रोड कीमत का 80% से 100% तक प्राप्त होता हैं, जबकि सेकेंड हैंड कार के लिए यह रकम कम हो सकती है। यह एक सुरक्षित लोन होता है, यानी जब तक पूरा भुगतान नहीं हो जाता, तब तक बैंक का उस कार पर हक रहता है। अगर EMI समय पर नहीं भरी गई, तो बैंक कानूनी प्रक्रिया के तहत कार को जब्त कर सकता है।
ब्याज दर और पुनर्भुगतान
इसमें ब्याज दरें दो तरह की हो सकती हैं – फिक्स्ड और फ्लोटिंग। फिक्स्ड ब्याज दर में पूरी लोन अवधि के दौरान EMI एक जैसी रहती है, जिससे हर महीने एक तय रकम चुकानी पड़ती है और बजट प्लान करना आसान हो जाता है।
दूसरी ओर, फ्लोटिंग ब्याज दर बाजार की मौजूदा दरों पर निर्भर करती है, यानी यह समय-समय पर बदल सकती है। अगर ब्याज दर बढ़ती है, तो आपकी EMI भी बढ़ सकती है, और अगर ब्याज दर कम होती है, तो EMI कम हो सकती है। इसलिए, फ्लोटिंग ब्याज दर में थोड़ा जोखिम होता है, लेकिन अगर ब्याज दरें कम रहती हैं, तो आपको फायदा भी मिल सकता है।
आमतौर पर, कार लोन की अवधि 1 से 7 साल तक होती है, जिसे आप अपनी फाइनेंशियल स्थिति और मासिक भुगतान क्षमता के अनुसार चुन सकते हैं। अगर आपकी इनकम अच्छी है और आप जल्दी लोन चुकाना चाहते हैं, तो कम अवधि के लिए सही हो सकता है। वहीं, अगर आप अपनी EMI कम रखना चाहते हैं, तो ज्यादा अवधि के लिए ले सकते हैं, लेकिन इसमें कुल ब्याज ज्यादा देना पड़ता है।
लोन चुकाने की प्रक्रिया काफी आसान होती है, क्योंकि EMI सीधे आपके बैंक अकाउंट से कट जाती है। अगर आप समय पर EMI भरते हैं, तो आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा बनता है, जिससे भविष्य में फाइनेंशियल फैसिलिटी पाना आसान हो जाता है।
3. गोल्ड लोन
गोल्ड लोन में उधारकर्ता अपने सोने के आभूषणों को गिरवी रखकर बैंक या NBFC से ऋण लेता करता है। यह अल्पकालिक जरूरतों के लिए एक आसान और तेज़ विकल्प में से एक है।
फ़ायदे
नुकसान
4. लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी
लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी सिक्योर्ड होता है क्योंकि इसमें उधार लेने वाले की संपत्ति बैंक के पास गिरवी रखी जाती है। यदि आप समय पर लोन का पुनर्भुगतान नहीं करते हैं, तो बैंक को कानूनी अधिकार होता है कि वह उस संपत्ति को नीलाम करके अपना बकाया वसूल कर सके। चूंकि बैंक के पास एक संपत्ति की गारंटी होती है, इसलिए इसमें ब्याज दरें कम होती हैं और राशि अधिक मिल सकती है।
लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी के फायदे
नुकसान
5. मशीनरी लोन
यह एक प्रकार का बिजनेस लोन होता है, जिसे किसी उद्योग या व्यापार में आवश्यक मशीनरी खरीदने के लिए लिया जाता है। यह छोटे, मध्यम और बड़े व्यापारियों के लिए उपयोगी होता है जैसे निर्माण, विनिर्माण, कृषि, फूड प्रोसेसिंग, और अन्य औद्योगिक कार्य के लिए।
फायदे
मशीनरी लोन व्यवसाय को अपग्रेड करने और प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ने का एक अच्छा विकल्प हो सकता है। सही योजना और रिसर्च के साथ इसे लेना फायदेमंद साबित हो सकता है। विभिन्न योजनाओं की तुलना करें और अपने व्यवसाय के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प को चुनें।
6. एफडी पर लोन
ये एक प्रकार का सिक्योर्ड लोन होता है, जिसमें बैंक या वित्तीय संस्थान आपकी FD को गिरवी रखकर आपको लोन देते हैं। यह उन लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प होता है, जिन्हें तुरंत पैसों की जरूरत होती है लेकिन वे अपनी FD को तोड़ना नहीं चाहते हैं।
FD पर लोन की पात्रता
अगर आपको कम ब्याज दर पर तुरंत पैसे चाहिए और आपकी FD पहले से मौजूद है, तो FD पर लोन लेना एक बढ़िया विकल्प हो सकता है। यह उन लोगों के लिए बेहतर है जो अपनी सेविंग्स के साथ छेड़-छाड़ ना करके फाइनेंशियल जरूरतें पूरी करना चाहते हैं।
7. शेयर या म्यूचुअल फंड पर लोन
शेयर या म्यूचुअल फंड पर लोन में आपके निवेश को गिरवी रखकर बैंक या वित्तीय संस्थान आपको लोन प्रदान करते हैं। यदि आपके पास शेयर या म्यूचुअल फंड में निवेश है और आपको पैसे की जरूरत है, लेकिन आप अपने निवेश को बेचना नहीं चाहते, तो यह एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
यह सुविधा कई बड़े बैंक (SBI, HDFC, ICICI, Axis आदि) और NBFC (Bajaj Finserv, Tata Capital, Muthoot Finance आदि) प्रदान करते हैं। कम ब्याज दर पर, आसान दस्तावेज़ीकरण के साथ, और तेज प्रोसेसिंग के तहत मिलता है, जिससे यह एक आकर्षक विकल्प बन जाता है।
शेयर या म्यूचुअल फंड पर लोन कैसे काम करता है?
ब्याज दर आमतौर पर 10% से 15% के बीच होती है। यह दर बैंक, आपके निवेश की गुणवत्ता, और आपकी क्रेडिट प्रोफाइल के आधार पर तय होती है।
अवधि आमतौर पर अधिकतम 3 साल तक होती है, लेकिन यह बैंक और उधारकर्ता की जरूरतों के अनुसार भिन्न हो सकती है। कुछ संस्थान रिन्युअल ऑप्शन के साथ भी प्रदान करते हैं। प्रोसेसिंग के दौरान बैंक या NBFC एक शुल्क लेती है, जो आमतौर पर यह राशि का 0.5% से 2% तक हो सकता है।
रीपेमेंट विकल्प:
राशि मार्केट वैल्यू के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करती है। यदि आपके शेयर या म्यूचुअल फंड की कीमत गिरती है, तो बैंक या NBFC आपसे अतिरिक्त सिक्योरिटी देने या लोन राशि का कुछ हिस्सा चुकाने की मांग कर सकता है। इसे मार्जिन कॉल कहा जाता है, और यदि आप इसका पालन नहीं करते हैं, तो बैंक आपके निवेश को बेच सकता है।
जोखिम और नुकसान
8. एग्रीकल्चर लोन
कृषि ऋण (एग्रीकल्चर लोन) किसानों को उनकी कृषि संबंधित ज़रूरतों को पूरा करने के लिए दिया जाता है। यह किसान द्वारा खेती से जुड़े विभिन्न कार्यों जैसे बीज, खाद, सिंचाई, उपकरण, पशुपालन, बागवानी, और कृषि भूमि खरीदने आदि के लिए लिया जा सकता है।
सरकारी बैंक और कई वित्तीय संस्थान किसानों को कम ब्याज दर और सरकारी सब्सिडी के साथ यह लोन देते हैं ताकि वे खेती को अधिक उत्पादक और लाभदायक बना सकें।
पात्रता
कृषि ऋण प्राप्त करने के लिए किसानों को कुछ शर्तों को पूरा करना होता है। पात्रता मानदंड निम्नलिखित हैं:
फ़ायदे
यदि कृषि लोन को सही योजना के साथ और समझदारी से लिया जाए, तो व्यक्तिगत और व्यावसायिक जरूरतों को पूरा करने का एक मजबूत साधन साबित हो सकता है। लेकिन इसे केवल आवश्यकतानुसार और जिम्मेदारी से लेना चाहिए ताकि भविष्य में किसी वित्तीय संकट का सामना न करना पड़े।
असुरक्षित लोन
असुरक्षित लोन बिना कोई संपत्ति या गारंटी रखे लिया जा सकता है। यह बैंक या वित्तीय संस्थान आपकी क्रेडिट हिस्ट्री, इनकम, नौकरी और भुगतान की क्षमता के आधार पर देते हैं। इसमें पर्सनल, एजुकेशन, क्रेडिट कार्ड, बिना गारंटी वाला बिजनेस और माइक्रोफाइनेंस लोन आदि शामिल होते हैं।
क्योंकि इसमें बैंक का रिस्क ज़्यादा होता है, इसलिए इसकी ब्याज दरें भी ज़्यादा होती हैं, जो आमतौर पर 10% से 24% तक हो सकती हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको कोई संपत्ति गिरवी रखने की जरूरत नहीं होती और अप्रूवल जल्दी हो जाता है। लेकिन अगर समय पर नहीं चुकाया तो क्रेडिट स्कोर खराब हो सकता है और भारी पेनल्टी भी लग सकती है।
1. पर्सनल लोन
बिना किसी गारंटी या संपत्ति गिरवी रखे लिया जा सकता है। इसे शादी, मेडिकल इमरजेंसी, यात्रा, शिक्षा, घर की मरम्मत या दूसरी पर्सनल जरूरतों के लिए लिया जाता है। बैंक और एनबीएफसी (Non-Banking Financial Companies) इसे आपकी इनकम, क्रेडिट स्कोर, नौकरी और लोन चुकाने की क्षमता के आधार पर देते हैं।
पर्सनल लोन की ब्याज दरें ज़्यादा होती हैं, क्योंकि इसमें बैंक का रिस्क ज़्यादा होता है। आमतौर पर ब्याज दर 10% से 24% तक हो सकती है, जो लोन देने वाली संस्था, आपकी इनकम और क्रेडिट स्कोर पर निर्भर करती है।
इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसे जल्दी अप्रूव किया जाता है, कम दस्तावेज़ों की जरूरत होती है, और इसे किसी भी पर्सनल काम में इस्तेमाल किया जा सकता है। साथ ही, आपको कोई प्रॉपर्टी गिरवी रखने की जरूरत नहीं होती।
लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हैं – ब्याज दरें ज़्यादा होती हैं, और अगर समय पर ईएमआई नहीं चुकाई तो भारी पेनल्टी लग सकती है और क्रेडिट स्कोर भी खराब हो सकता है। इसलिए, ब्याज दरें और शर्तें अच्छे से समझना जरूरी है।
2. एजुकेशन लोन
विद्यार्थियों को उनकी पढ़ाई के खर्च पूरे करने के लिए मिलता है। इसे इंडिया में या विदेश में पढ़ाई करने के लिए लिया जा सकता है। इससे ट्यूशन फीस, होस्टल का खर्च, किताबें, सफर का खर्च और बाकी पढ़ाई से जुड़ी जरूरतें पूरी की जा सकती हैं।
एजुकेशन लोन के प्रकार:
विशेषताएँ
एजुकेशन लोन स्टूडेंट के नाम पर लिया जाता है, लेकिन माता-पिता या गार्जियन को को-एप्लिकेंट बनाना जरूरी होता है। इसका मतलब ये है कि अगर स्टूडेंट चुकाने में दिक्कत महसूस करे, तो को-एप्लिकेंट इसकी जिम्मेदारी ले सके।
रकम कोर्स और कॉलेज के हिसाब से तय होती है। यह ₹50,000 से लेकर ₹50 लाख या उससे ज्यादा भी हो सकती है, खासकर अगर एडमिशन किसी बड़े भारतीय या विदेशी यूनिवर्सिटी में हुआ हो। इस लोन से ट्यूशन फीस, होस्टल चार्ज, किताबें और बाकी पढ़ाई के खर्च पूरे किए जा सकते हैं।
सरकार भी कुछ स्टूडेंट्स को सब्सिडी और कम ब्याज दर पर लोन देती है, खासतौर पर आर्थिक रूप से कमजोर (EWS) परिवारों और महिलाओं को। कुछ स्कीम में सरकार ब्याज का कुछ हिस्सा खुद भरती है, जिससे स्टूडेंट्स पर बोझ कम पड़ता है।
इसकी सबसे अच्छी बात ये है कि EMI भरने की टेंशन पढ़ाई के दौरान नहीं रहती। आमतौर पर, चुकाने की शुरुआत कोर्स पूरा होने के एक साल बाद या जॉब लगने के 6 महीने बाद करनी होती है, जिससे स्टूडेंट्स को करियर सेट करने के लिए पूरा वक्त मिल जाता है।
एजुकेशन लोन के लाभ
3. मेडिकल लोन
बीमारी या मेडिकल इमरजेंसी कभी भी आ सकती है, और कई बार इलाज के लिए बहुत सारे पैसे चाहिए होते हैं। ऐसे में मेडिकल लोन बड़ी मदद कर सकता है। इससे अस्पताल का खर्च, सर्जरी, दवाइयाँ, टेस्ट, डे-केयर ट्रीटमेंट और इमरजेंसी मेडिकल खर्च आसानी से कवर हो जाते हैं।
विशेषताएँ:
क्यों लें?
4. ट्रैवल लोन
आजकल घूमना सिर्फ मस्ती या आराम के लिए नहीं होता, बल्कि कई बार पढ़ाई, धार्मिक यात्रा, मेडिकल ट्रीटमेंट, बिजनेस ट्रिप या फैमिली ट्रिप के लिए भी बाहर जाना पड़ता है। ऐसे में अगर तुरंत पैसों की जरूरत हो, तो ट्रैवल लोन मदद कर सकता है।
विशेषताएँ
ट्रैवल लोन से अलग-अलग तरह की यात्राओं के खर्च पूरे किए जा सकते हैं। इसमें देश-विदेश की यात्रा, हनीमून ट्रिप, फैमिली वेकेशन, धार्मिक यात्रा, बिजनेस टूर और मेडिकल टूरिज्म जैसी जरूरतें शामिल हैं।
ट्रैवल लोन किन्हें लेना चाहिए?
यह हर उस व्यक्ति के लिए फायदेमंद हो सकता है, जो अपनी यात्रा को आर्थिक रूप से आसान बनाना चाहता है। लेकिन कुछ विशेष श्रेणियों के लोगों के लिए यह लोन विशेष रूप से लाभदायक हो सकता है:
5. माइक्रोफाइनेंस लोन
यह एक ऐसा लोन है, जो छोटे व्यापारियों, स्वयं सहायता समूह, महिलाओं, किसानों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को दिया जाता है, ताकि वे अपने छोटे व्यवसायों को शुरू कर सकें या आगे बढ़ा सकें।
माइक्रोफाइनेंस लोन की विशेषताएँ
किन्हें लेना चाहिए?
लाभ
6. बिना गारंटी वाला बिजनेस लोन
बिजनेस को बढ़ाने या स्टार्टअप शुरू करने के लिए पर्याप्त पूंजी जरूरी होती है, लेकिन सभी व्यापारियों के पास संपत्ति गिरवी रखने का विकल्प नहीं होता। ऐसे में बिना गारंटी वाला बिजनेस लोन एक बेहतरीन समाधान हो सकता है।
विशेषताएँ:
किन व्यापारियों के लिए फायदेमंद?
7. कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन
आजकल टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, लैपटॉप और मोबाइल जैसी चीजें हर घर की जरूरत बन गई हैं। लेकिन इनकी कीमत ज्यादा होने की वजह से हर कोई तुरंत नहीं खरीद पाता। ऐसे में कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन एक अच्छा ऑप्शन है, जिससे आप आसानी से अपनी जरूरत की चीजें खरीद सकते हैं और बाद में आराम से किश्तों में चुका सकते हैं।
ग्राहकों को उनकी पसंदीदा उपभोक्ता वस्तुएँ बिना तुरंत भुगतान किए खरीदने की सुविधा देता है, जिसे वे बाद में आसान मासिक किश्तों (EMI) में चुका सकते हैं।
कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन की विशेषताएँ और लाभ
बैंक, नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFCs) और रिटेल स्टोर्स से लिया जा सकता है।
ध्यान देने योग्य बातें
आपको आसानी से जरूरत की चीजें खरीदने में मदद करता है, लेकिन लेने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। सबसे पहले, यह समझें कि लोन पर कितना ब्याज लगेगा और प्रोसेसिंग फीस कितनी होगी, क्योंकि कई बार कुछ प्लान में छुपे हुए चार्ज भी होते हैं।
दूसरा, EMI ऐसी चुनें जो आपकी मासिक आय के मुताबिक हो, ताकि बाद में यह बोझ न बने। साथ ही, किस्तें समय पर चुकाने से क्रेडिट स्कोर अच्छा रहता है, जिससे आगे बड़े लोन लेना आसान हो जाता है। अगर सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए, तो कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन आपकी जिंदगी को ज्यादा आरामदायक और सुविधाजनक बना सकता है।
ध्यान में रखने योग्य बातें
कारक | महत्व |
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ब्याज दर | उच्च ब्याज दर का मतलब होता है अधिक लागत। लेने से पहले विभिन्न दरों की तुलना करें। |
अवधि | लंबी अवधि से मासिक भुगतान कम हो सकते हैं, लेकिन कुल ब्याज अधिक हो सकता है। |
चुकाने की क्षमता | यह सुनिश्चित करें कि आप मासिक भुगतान के लिए तैयार हैं और यह आपके वित्तीय बोझ को नहीं बढ़ाएगा। |
लेंडर की प्रतिष्ठा | एक अच्छे लेंडर को चुनें ताकि छिपे हुए शुल्क और अनुचित शर्तों से बचा जा सके। |
शुल्क | ध्यान रखें कि किसी भी शुल्क का पता चलने से पहले। इनमें आरंभिक शुल्क, देर से भुगतान शुल्क आदि शामिल हो सकते हैं। |
लोन को सही से समझना जरूरी है, ताकि आप बेहतर वित्तीय फैसले ले सकें। यह घर खरीदने, पढ़ाई के खर्च या किसी इमरजेंसी में आपकी मदद कर सकता है। लेकिन पहले यह जरूर देखें कि आप इसे चुकाने में सक्षम हैं और इसकी शर्तें, ब्याज दर और अन्य चार्ज अच्छे से समझ लें।