हेल्थ इंश्योरेंस को लोग धीरे-धीरे महत्व देना शुरू कर रहे हैं। आजकल बीमारियाँ और मेडिकल खर्चे तेजी से बढ़ रहे हैं। एक छोटी सी बीमारी का इलाज भी हजारों, बल्कि लाखों रुपये तक पहुँच सकता है। ऐसे में अगर जेब से पैसे देने पड़ें तो पूरी सेविंग खत्म हो सकती है। यही वजह है कि हेल्थ इंश्योरेंस आज के समय में बेहद जरूरी हो गया है।
विदेश में लगभग हर व्यक्ति का हेल्थ इंश्योरेंस होता है, और इसका कारण यह है कि इलाज काफी महंगा है। भारत देश में पश्चिमी देशों के मुकाबले हेल्थ इंश्योरेंस काफी कम लोगों के पास है जिसका कारण यहां पर सस्ता इलाज है। हालांकि यह धीरे-धीरे बढ़ रहा है और लोग हेल्थ इंश्योरेंस की तरफ जागरूक हो रहे हैं।

हेल्थ इंश्योरेंस क्या है?
हेल्थ इंश्योरेंस एक तरह की पॉलिसी होती है, जिसमें इंश्योरेंस कंपनी आपके मेडिकल खर्चों को कवर करती है। जब भी आपको किसी बीमारी या दुर्घटना के कारण अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ती है, तो हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी आपके इलाज का खर्च उठाती है। कुछ पॉलिसियों में OPD खर्च, डॉक्टर की फीस, दवाइयाँ और डायग्नोसिस टेस्ट का खर्च भी कवर होता है।
हेल्थ इंश्योरेंस के प्रकार
हेल्थ इंश्योरेंस कई तरह के होते हैं जिसमें यह व्यक्तिगत इंश्योरेंस से लेकर ग्रुप इंश्योरेंस और अलग-अलग तरह की विशेषताओं के साथ मौजूद होते हैं।
- इंडिविजुअल हेल्थ इंश्योरेंस – यह पॉलिसी एक व्यक्ति के लिए होती है, जिसमें केवल उसी व्यक्ति के मेडिकल खर्च कवर होते हैं जो यह पॉलिसी अपने लिए खरीदना है।
- फैमिली फ्लोटर हेल्थ इंश्योरेंस – इसमें एक ही पॉलिसी में पूरे परिवार को कवर किया जाता है। इसमें पति, पत्नी, बच्चे और कुछ मामलों में माता-पिता भी शामिल हो सकते हैं। फैमिली हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी इंडिविजुअल हेल्थ इंश्योरेंस के मुकाबले महंगी होती है और इसका प्रीमियम भी इससे अधिक हो सकता है।
- ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस – यह पॉलिसी कंपनियों या संगठनों द्वारा अपने कर्मचारियों के लिए ली जाती है। यह आमतौर पर कम प्रीमियम में अधिक फायदे देती है। इस प्रकार के हेल्थ इंश्योरेंस की सुविधा आपकी कंपनी या संगठन द्वारा दी जाती है जिसमें किसी विशेष स्कीम के तहत आपको हेल्थ इंश्योरेंस दिया जाता है और यह है इंडिविजुअल हेल्थ इंश्योरेंस के मुकाबले काफी कम रहता है।
- सीनियर सिटीजन हेल्थ इंश्योरेंस – यह पॉलिसी 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए होती है और उनकी विशेष मेडिकल जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाई जाती है।
- क्रिटिकल इलनेस हेल्थ इंश्योरेंस – यह पॉलिसी उन गंभीर बीमारियों के लिए होती है जिनका इलाज बहुत महंगा होता है, जैसे कैंसर, हार्ट अटैक, किडनी फेलियर आदि। आमतौर पर लगभग सभी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी इस तरह के क्रिटिकल इलनेस को कवर करते हैं
- मेटरनिटी हेल्थ इंश्योरेंस – यह पॉलिसी गर्भावस्था से जुड़े खर्चों को कवर करती है, जिसमें डिलीवरी, नवजात शिशु की देखभाल और अन्य मेडिकल खर्च शामिल होते हैं।
- टॉप-अप और सुपर टॉप-अप हेल्थ इंश्योरेंस – यदि आपकी मौजूदा हेल्थ पॉलिसी की कवरेज कम है, तो आप इसे बढ़ाने के लिए टॉप-अप प्लान ले सकते हैं। सुपर टॉप-अप पॉलिसी एक साल में हुए सभी मेडिकल खर्चों को कवर करने में मदद करती है।
नोट: आज के समय में बहुत सारी ऐसी कंपनियां है जो हेल्थ इंश्योरेंस देती है और कई तरह की बीमारियों को उसमें कवर किया जाता है। इसीलिए जब भी आप कोई हेल्थ इंश्योरेंस लेने जाए तो उसके बारे में आवश्यक जांच कर ले।
हेल्थ इंश्योरेंस क्यों जरूरी है?
हेल्थ इंश्योरेंस आज के समय में बहुत जरूरी हो गया है। जिस प्रकार से बीमारियां तेजी से बढ़ रही है और परिवार में होने वाले अचानक हादसों से जब पर काफी भारी असर पड़ता है। इन सभी चीजों को देखते हुए यह बहुत ही जरूरी है। नीचे कुछ महत्वपूर्ण बिंदु दिए गए हैं जिसमें आप इसकी महत्वता को समझ सकते हैं।
- बढ़ते मेडिकल खर्चों से बचाव – आज के समय में अस्पतालों के खर्च बहुत ज्यादा हो गए हैं। एक मामूली इलाज भी आपकी जेब पर भारी पड़ सकता है। हेल्थ इंश्योरेंस होने से आपको आर्थिक सुरक्षा मिलती है।
- अचानक बीमारी या दुर्घटना का खर्च – किसी को भी कभी भी कोई बीमारी हो सकती है या कोई दुर्घटना हो सकती है। ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस मददगार साबित होता है और आपको फाइनेंशियल चिंता से बचाता है।
- कैशलेस ट्रीटमेंट की सुविधा – अधिकतर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियाँ नेटवर्क अस्पतालों में कैशलेस ट्रीटमेंट की सुविधा देती हैं, जिससे आपको इलाज के लिए पैसे देने की जरूरत नहीं पड़ती। यह आपको होने वाले अचानक से आर्थिक दबाव से सुरक्षा प्रदान करता है।
- टैक्स बचत का फायदा – हेल्थ इंश्योरेंस लेने से आपको इनकम टैक्स में भी छूट मिलती है। इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80D के तहत आप हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर टैक्स बचा सकते हैं।
- अच्छे हॉस्पिटल में इलाज का मौका – बिना हेल्थ इंश्योरेंस के कई लोग महंगे अस्पतालों में इलाज करवाने से कतराते हैं। लेकिन अगर आपके पास हेल्थ इंश्योरेंस है तो आप अच्छे अस्पताल में बिना पैसों की चिंता किए इलाज करा सकते हैं।
- परिवार की सुरक्षा – सिर्फ अपने लिए ही नहीं, बल्कि अपने परिवार के लिए भी हेल्थ इंश्योरेंस लेना बहुत जरूरी है। कई हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी परिवार के सभी सदस्यों को कवर करती हैं। ऐसा होने से आप अपने पैसे को व्यक्त होने से बचा पाते हैं और परिवार हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी इस तरह के खर्चों से आपको बचाती है।
हेल्थ इंश्योरेंस कैसे चुनें?
हेल्थ इंश्योरेंस लेते समय कुछ जरूरी बातें ध्यान में रखनी चाहिए। सबसे पहले, अपनी और परिवार की सेहत को समझें – कोई पहले से बीमारी है या नहीं, उम्र क्या है, और कितनी कवरेज चाहिए। फिर पॉलिसी में मिलने वाले फायदे देखें – हॉस्पिटल में भर्ती होने का खर्च, दवाइयाँ, टेस्ट, एंबुलेंस चार्ज, और गंभीर बीमारियों का इलाज कवर हो रहा है या नहीं।
जिस कंपनी से इंश्योरेंस ले रहे हैं, उसकी क्लेम सेटलमेंट हिस्ट्री अच्छी होनी चाहिए ताकि जरूरत पड़ने पर आसानी से पैसे मिल सकें। साथ ही, यह भी देखें कि कितने अस्पताल कैशलेस इलाज की सुविधा देते हैं। प्रीमियम, वेटिंग पीरियड और बोनस जैसी चीजों को भी ध्यान से समझें। सही इंश्योरेंस लेने से मेडिकल खर्च की टेंशन कम होगी और आप बेफिक्र रह पाएंगे।
1. जरूरत के हिसाब से सही कवरेज चुनें
हेल्थ इंश्योरेंस लेते समय यह बहुत जरूरी है कि आप अपनी और परिवार की जरूरतों के हिसाब से सही कवर राशि चुनें। अगर आपका शहर महंगा है या आपके परिवार में बुजुर्ग सदस्य हैं, तो ज्यादा कवरेज वाली पॉलिसी लेना बेहतर रहेगा। इसके अलावा, मेडिकल खर्च हर साल बढ़ते हैं, इसलिए भविष्य को ध्यान में रखते हुए पर्याप्त कवरेज वाली पॉलिसी चुनें ताकि किसी आपात स्थिति में पैसे की कमी न हो।
2. कैशलेस नेटवर्क हॉस्पिटल्स
आजकल अधिकतर इंश्योरेंस कंपनियाँ कैशलेस ट्रीटमेंट की सुविधा देती हैं, जिससे आपको अस्पताल में भर्ती होने पर पहले से पैसे नहीं देने पड़ते। इसलिए पॉलिसी खरीदने से पहले इंश्योरेंस कंपनी के नेटवर्क हॉस्पिटल्स की लिस्ट चेक करें। ज्यादा नेटवर्क हॉस्पिटल्स वाली पॉलिसी आपको इमरजेंसी में आसानी से इलाज दिला सकती है।
3. क्लेम सेटलमेंट रेशियो
जब भी हेल्थ इंश्योरेंस खरीदें, तो कंपनी के क्लेम सेटलमेंट रेशियो को जरूर चेक करें। यह रेशियो बताता है कि कंपनी कितने प्रतिशत क्लेम को मंजूरी देती है। अगर किसी कंपनी का क्लेम सेटलमेंट रेशियो ज्यादा है, तो इसका मतलब है कि उस कंपनी से क्लेम मिलने की संभावना भी ज्यादा है। हमेशा ऐसी कंपनी चुनें जिसकी क्लेम सेटलमेंट दर अच्छी हो, ताकि जरूरत पड़ने पर आपको परेशानी का सामना न करना पड़े।
4. सही कीमत पर अधिक फायदे पाएं
प्रीमियम यानी हर साल चुकाई जाने वाली राशि आपकी जेब पर भारी न पड़े, लेकिन साथ ही आपको ज्यादा फायदे भी मिलने चाहिए। कई बार लोग कम प्रीमियम वाली पॉलिसी ले लेते हैं, लेकिन बाद में उन्हें कम कवरेज या ज्यादा शर्तों के कारण दिक्कत होती है। इसलिए अलग-अलग पॉलिसियों की तुलना करें और देखें कि कौन-सी पॉलिसी ज्यादा फायदा दे रही है।
5. अतिरिक्त सुविधाएँ – फ्री हेल्थ चेकअप और अन्य बेनिफिट्स
कुछ हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियाँ सिर्फ हॉस्पिटल खर्च ही नहीं, बल्कि अन्य मेडिकल जरूरतें भी कवर करती हैं। इनमें फ्री हेल्थ चेकअप, OPD खर्च, डे-केयर ट्रीटमेंट और कुछ मामलों में दवाइयाँ भी शामिल हो सकती हैं। इन अतिरिक्त सुविधाओं को भी जरूर देखें, ताकि आपको अपनी जरूरत के हिसाब से सबसे अच्छी पॉलिसी मिल सके।
हेल्थ इंश्योरेंस कोई खर्चा नहीं, बल्कि एक निवेश है, जो आपकी और आपके परिवार की सुरक्षा के लिए जरूरी है। अगर अभी तक आपने हेल्थ इंश्योरेंस नहीं लिया है, तो जल्द से जल्द एक अच्छी पॉलिसी चुनें और खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रखें। याद रखें, बीमारी कब दस्तक दे दे, कोई नहीं जानता, लेकिन हेल्थ इंश्योरेंस लेकर आप आर्थिक संकट से जरूर बच सकते हैं।
सही हेल्थ इंश्योरेंस चुनना आसान नहीं है, लेकिन अगर आप अपनी जरूरतों को ध्यान में रखकर सही प्लान चुनते हैं, तो यह भविष्य में आपके और आपके परिवार के लिए बहुत फायदेमंद होगा। इंश्योरेंस खरीदने से पहले पॉलिसी के नियम और शर्तों को ध्यान से पढ़ें, और जरूरत पड़ने पर किसी एक्सपर्ट से सलाह लें। एक सही हेल्थ इंश्योरेंस प्लान आपकी मेडिकल जरूरतों को पूरा करेगा और आपको आर्थिक सुरक्षा भी देगा, जिससे आप बिना किसी चिंता के अपनी सेहत का ख्याल रख सकते हैं।