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फिक्स्ड डिपॉजिट बनाम म्यूचुअल फंड – आपके लिए कौन सा बेहतर

फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) या म्यूचुअल फंड (MF) दोनों ही पैसे बचाने और निवेश करने के लोकप्रिय तरीकों में से एक हैं। यदि आप अपने बचत के कुछ हिस्से को निवेश करके ब्याज कमाना चाहते हैं तो आप इसे फिक्स डिपाजिट में निवेश कर सकते हैं। म्यूचुअल फंड के द्वारा आपकी निवेश राशि को स्टॉक और मुद्रा बाजार आदि में निवेश किया जाता है।

आपके लिए दोनो ही बेहतर विकल्प हो सकते हैं, लेकिन यह निर्भर करता है कि आपकी उम्र क्या है और आप कितना जोखिम उठा सकते हैं। क्योंकि म्यूचुअल फंड बाज़ार जोखिम के अधीन होते हैं जिससे आपको होने वाले लाभ इस पर निर्भर करता है, वहीं FD में यह पहले से ही निश्चित होता है। हालाँकि FD से होने वाला लाभ आम तौर पर म्यूचुअल फंड से कम रहता है।

FD और म्यूचुअल फंड के बीच का मुख्य अंतर

  • फिक्स्ड डिपॉजिट
    • बैंक की वित्तीय मजबूती के अधीन होता है और काफी सुरक्षित निवेश है।
    • किसी भी समय पैसा निकाल सकते हैं परंतु समय से पहले निकासी पर जुर्माना लग सकता है।
    • रिटर्न सुनिश्चित होते हैं और पहले से ही निर्धारित लाभ प्राप्त होता है।
    • FD से होने वाली कमाई आयकर स्लैब में शामिल होती है और टैक्स लगता है।
    • निवेश करने पर जोखिम ना के बराबर होता है।
    • 7 दिन से लेकर 10 साल की अवधि के लिए निवेश कर सकते हैं।
    • फंड मैनेजर की आवश्यकता नहीं होती है।
    • आरबीआइ द्वारा रेगुलेट होता है।
  • म्यूचुअल फंड
    • बाज़ार के अधीन होता है, जिसमें बाज़ार सम्बंधित जोखिम होता है।
    • किसी भी समय पैसे निकाल सकते हैं परंतु एग्ज़िट लोड लागू हो सकता है।
    • सुनिश्चित रिटर्न नहीं होते हैं, बाज़ार के अनुसार रिटर्न मिलता है।
    • शॉर्ट टर्म गेनिंग और लोंग टर्म गेनिंग टैक्स लगता है।
    • गेनिंग टैक्स के बाद कमाई आयकर स्लैब में शामिल नहीं होती हैं।
    • निवेश की कोई अवधि नहीं होती है, यह निवेशक की प्राथमिकता पर निर्भर करता है।
    • फंड मैनेजर द्वारा MF के निवेश का प्रबंधन किया जाता है।
    • सेबी द्वारा रेगुलेट होता है।

फिक्स्ड डिपॉज़िट रिटर्न Vs म्यूचुअल फंड रिटर्न

म्यूचुअल फंड और फिक्स्ड डिपॉजिट में आपके लिए कौन सा बेहतर है वह आपके ऊपर ही निर्भर करता है। किसी एक व्यक्ति के लिए FD अधिक फायदेमंद तो किसी अन्य के लिए म्यूचुअल फंड अधिक फायदेमंद हो सकता है। इसीलिए यह समझना बहुत जरूरी हो जाता है कि आखिर आप किस उम्र के पड़ाव में और जोखिम उठा सकते हैं।

आपके लिए कौनसा सही हैं?

निवेश करने का निर्णय व्यक्ति की उम्र, वित्तीय लक्ष्य, जोखिम लेने की क्षमता और निवेश अवधि पर निर्भर करता है। FD और MF दोनों ही लोकप्रिय निवेश विकल्प हैं, लेकिन हर उम्र के अनुसार इनमें से सही विकल्प चुनना आवश्यक है। यह लेख विभिन्न आयु वर्गों के अनुसार FD और MF के फायदे और नुकसान की तुलना करेगा, जिससे आपको एक समझदारी भरा निवेश निर्णय लेने में सहायता मिलेगी।

1. युवा निवेशक: 18-30 वर्ष

इस उम्र में जोखिम लेने की क्षमता अधिक होती है और आप निवेश शुरू करके अपने लम्बे समय के वित्तीय लक्ष्य को पा सकते हैं।

फिक्स्ड डिपॉजिट (FD)
  • यह एक सुरक्षित निवेश करने के लिए बेहतरीन विकल्प है।
  • छोटे निवेशकों के लिए अच्छा विकल्प है, परंतु इसमें रिटर्न कम होता है
  • मुद्रास्फीति (Inflation) का मुक़ाबला करने में असमर्थ, और ऐसा होने से वास्तविक लाभ कम हो सकता है।
म्यूचुअल फंड
  • उच्च रिटर्न देने की संभावना अधिक होती है।
  • लंबी अवधि के लिए निवेश करने से इसमें कंपाउंडिंग का लाभ मिलता है।
  • विभिन्न प्रकार के फंड जैसे: इक्विटी, हाइब्रिड, डेट फंड इत्यादि निवेश के लिए उपलब्ध होते हैं।
  • बाजार जोखिम के कारण उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है, जिससे आपके रिटर्न प्रभावित हो सकते हैं।

यदि आपकी उम्र 18 से 30 वर्ष के बीच है तो SIP (Systematic Investment Plan) के माध्यम से इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहिए। यह लम्बी अवधि में एक अच्छा रिटर्न आपके दे सकता है और आपके सभी लक्ष्यों को पूरा करने में समर्थ है। FD का उपयोग आपातकालीन फंड के लिए कर सकते हैं।

2. मध्य आयु वर्ग: 30-50 वर्ष

इस उम्र में स्थिरता और संतुलन बनाने की आवश्यकता होती है और इस समय में आप भी अपने निवेश को संतुलित तरीक़े से बाँट सकते हैं। मध्यम आयु वर्ग यानी 30 से 50 वर्ष की उम्र में बच्चों की शिक्षा और घर खरीदने की योजना इत्यादि कुछ ऐसे खर्चे होते हैं, जिन्हें आपको निवेश के साथ-साथ चलाना होता है। इस समय में FD और MF दोनों तरह के निवेश में आपको संतुलन बनाने की आवश्यकता है।

फिक्स्ड डिपॉजिट
  • सुरक्षित और स्थिर रिटर्न, जोखिम कम होता है। ऐसे में आप इसका उपयोग इमरजेंसी फंड या फिर अन्य अचानक आने वाले खर्चों के लिए कर सकते हैं।
  • बच्चों की शिक्षा, शादी और घर खरीदने के लिए इस प्रकार का निवेश कर सकते हैं।
  • FD का ब्याज दर अपेक्षाकृत कम मिलता है जिसके कारण लंबी अवधि में आपकी संपत्ति का निर्माण धीमा होता है।
म्यूचुअल फंड
  • बैलेंस्ड म्यूचुअल फंड (हाइब्रिड फंड) अच्छा विकल्प हो सकता है। इसमें आपका निवेश डायवर्सिफाइड हो जाता है जिस कारण अन्य म्यूचुअल फंड की तुलना में जोखिम कम रहता है।
  • इक्विटी और डेट फंड कमिश्नर में निवेश कर सकते हैं, जिससे बाजार में होने वाले उतार चढ़ाव का असर कम कर सकते हैं।
  • SIP और ELSS टैक्स सेविंग में मदद कर सकते हैं।

उम्र के इस दौर में आपको FD और MF का एक संतुलित मिश्रण करना चाहिए और एक अच्छे रिटर्न के लिए अपने निवेश का लगभग 60% MF और लगभग 40% FD में निवेश करना चाहिए। यदि आप टैक्स बचाना चाहते हैं तो ELSS का उपयोग करें।

3. प्री-रिटायरमेंट और वरिष्ठ नागरिक: 50+ वर्ष

50 वर्ष से अधिक उम्र के निवेशकों को जोखिम से बचना चाहिए। इसीलिए उनके लिए यह अति आवश्यक हो जाता है कि वह अपनी पूंजी को जोखिम से बचकर अपने लिए नियमित आय को सुनिश्चित करें। यदि आप इस आयु में निवेश की शुरुआत करते हैं, तो आपको सुरक्षित विकल्प की तरफ ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है।

फिक्स डिपॉजिट
  • वरिष्ठ नागरिकों को FD पर अन्य की तुलना में 0.5 से 1% तक अधिक ब्याज प्राप्त होता है।
  • इस उम्र में को नियमित आय की आवश्यकता होती है जो आप आप फिक्स डिपॉजिट में निवेश करके पा सकते हैं।
  • इसमें आप मासिक या तिमाही या छह माही निकासी कर सकते हैं और अपने नियमित होने वाले खर्च का बोझ कम कर सकते हैं।
म्यूचुअल फंड
  • हालांकि म्यूचुअल फंड एचडी की तुलना में अधिक रिटर्न दे सकते हैं परंतु इनमें बाजार जोखिम भी मौजूद होता है इसीलिए 50 से अधिक आयु के निवेशक को म्यूचुअल फंड में FD की तुलना में कम निवेश करना चाहिए।
  • यदि आप नियमित आय म्यूचुअल फंड से प्राप्त करना चाहते हैं तो आप SWP योजना से नियमित आय प्राप्त की जा सकती है। यह SIP से भिन्न होती है।
  • कुछ हाइब्रिड फंड सुरक्षित विकल्प हो सकते हैं, जिन्हें आपको निवेश के लिए चुना चाहिए।

यदि आपकी आयु 50 वर्ष या उससे अधिक है तो आपको फिक्स डिपाजिट को प्राथमिकता देनी चाहिए और म्यूचुअल फंड में निवेश अवश्य करें परंतु जोखिम वाले म्यूचुअल फंड को अपने पोर्टफोलियो में शामिल करना चाहिए। यदि आप मासिक आय चाहते हैं तो आप फिक्स डिपाजिट से या म्यूचुअल फंड में SWP योजना के माध्यम से मासिक आय प्राप्त कर सकते हैं।

क्या म्यूचुअल फंड में निवेश करने का यह अच्छा समय है?

बीते कुछ सालों में हमने यह देखा है कि भारत बहुत ही तेजी से आगे बढ़ रहा है। म्यूचुअल फंड में निवेश करने से आप अपने पैसों को अलग-अलग कंपनियों में निवेश करते हैं, और जब वह कंपनियां आगे बढ़ती हैं तो आपको भी अच्छे रिटर्न प्राप्त होते हैं। जिस प्रकार से भारत और यहां की कंपनियों का व्यापार आगे बढ़ रहा है, इसे देखते हुए म्यूचुअल फंड में निवेश अच्छा फायदे का सौदा हो सकता है। यदि एक शब्द में सवाल का जवाब दिया जाए कि क्या म्यूचुअल फंड में निवेश करने का यह है अच्छा समय है, उसका उत्तर है हाँ यह एक अच्छा समय है।

यदि आपकी वित्तीय लक्ष्य लंबे समय के लिए हैं, तो आपको म्यूचुअल फंड में निवेश जरूर करना चाहिए। लंबे समय में बाजार में होने वाले उतार चढ़ाव का प्रभाव काम हो जाता है और आपके निवेश किए गए पैसे अन्य निवेश विकल्प की तुलना में काफी अधिक तेजी से बढ़ते हैं। यदि आपको स्टॉक मार्केट का ज्ञान है तो आप उसमें भी निवेश कर सकते हैं परंतु उसमें जोखिम म्यूचुअल फंड की तुलना में अधिक होता है। इसके अलावा स्टॉक में इन्वेस्ट करने के लिए आपको स्टॉक या कंपनी का गहन अध्ययन करना होता है इसके पश्चात ही आप निवेश करके उसमें फायदा उठा सकते हैं।


फिक्स्ड डिपॉजिट या म्यूचुअल फंड दोनों के ही अपने फायदे और नुकसान मौजूद है। यदि आप कम उम्र में निवेश शुरू करना चाहते हैं तो आपको अवश्य इक्विटी म्यूचुअल फंड में अधिक निवेश करना चाहिए और आपातकालीन खर्चों के लिए कुछ पूंजी फिक्स डिपॉजिट में भी रखनी चाहिए। जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है तो आप अपने निवेश में बदलाव करके जोखिम को काम करते हुए अपने निवेश में बदलाव कर सकते हैं।

हालांकि हर व्यक्ति में जोखिम उठाने की क्षमता अलग-अलग होती है, इसीलिए अपने निवेश को सही तरीके से डायवर्सिफाइड करें और निवेश करने से पहले यह अवश्य सुनिश्चित करें कि आपकी जोखिम उठाने की क्षमता कितनी है और कितने समय में आप अपने वित्तीय लक्ष्य को पाना चाहते हैं। हालांकि अधिक उम्र के निवेशकों को जोखिम से बचना चाहिए और उनके लिए फिक्स डिपाजिट एक बेहतरीन विकल्प है लेकिन यदि आप जोखिम लेने के लिए तैयार है और कुछ रिटर्न पाना चाहते हैं तो म्यूचुअल फंड का चयन कर सकते हैं।

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