Thursday, August 28, 2025
28.8 C
Delhi

लोन क्या होता है इसके प्रकार और कैसे लें?

आपने लोगों को लोन के बारे में बात करते हुए सुना होगा, तो शायद आपके मन में भी ये ख्याल आया होगा कि आख़िर लोन क्या होता है। जब लोन से जुड़ी बातें होती हैं तो ज़्यादातर लोग ये ज़रूर जानते होंगे कि लोन क्या होता है, लेकिन यहां आप इससे जुड़ी दूसरी ज़रूरी बातें भी जानेंगे।

आमतौर पर अपने तत्काल जरूरत को पूरा करने के लिए व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति से पैसे उधार लेता है और उसे उधार के बदले निश्चित शर्तों के तहत मूलधन के साथ ब्याज का भुगतान किया जाता है। सरकारी और प्राइवेट बैंक के साथ-साथ अन्य वित्तीय संस्थान भी पैसे उधार देते हैं, इसके बाद उधार लिए गए पैसे के साथ ब्याज का भुगतान लेने वाले व्यक्ति द्वारा किया जाता है। उधार लिए गए पैसे को ही लोन कहा जाता है।

जब आप किसी बैंक की आवृत्ति है संस्थान से लोन लेते हैं तो वह मुख्यतः सुरक्षित और असुरक्षित प्रकार का होता है जो आपकी अलग-अलग जरूरत को पूरा करता है।

लोन के प्रकार

बैंक और फाइनेंस कंपनियाँ अलग-अलग जरूरतों के लिए पैसे उधार देती हैं, जिन्हें दो तरह से बाँटा जाता है – सुरक्षित और असुरक्षित

  • सुरक्षित लोन – इसमें घर, गाड़ी, सोना या प्रॉपर्टी के बदले मिलने वाले लोन आते हैं। इसमें कोई न कोई चीज़ गिरवी रखनी पड़ती है।
  • असुरक्षित लोन – इसमें पर्सनल खर्च, पढ़ाई, बिजनेस या क्रेडिट कार्ड से जुड़े लोन होते हैं। इसमें कुछ गिरवी नहीं रखना पड़ता, लेकिन ब्याज थोड़ा ज्यादा होता है।

इसके अलावा, सरकार किसानों और नए बिजनेस शुरू करने वालों के लिए भी खास स्कीम्स लाती है, जिससे उन्हें आसानी से पैसा मिल सके।

सुरक्षित लोन

जब किसी व्यक्ति को खुद के लिए या व्यवसाय के लिए बड़ी धनराशि की आवश्यकता होती है, तो बैंक और वित्तीय संस्थान उस व्यक्ति की संपत्ति या किसी मूल्यवान वस्तु को गिरवी रखकर लोन प्रदान करते हैं, जिसे सुरक्षित लोन कहा जाता है। यह लेने के लिए कोई संपत्ति, जैसे घर, जमीन, सोना, वाहन, या फिक्स्ड डिपॉजिट देना पड़ता है। यदि उधारकर्ता वापस चुकाने में असमर्थ रहता है, तो बैंक उस गिरवी रखी संपत्ति को बेचकर दी गयी राशि वसूल कर सकता है।

सुरक्षित लोन लेने का सबसे बड़ा फ़ायदा यह होता है कि इस पर ब्याज दर असुरक्षित लोन की तुलना में कम होता है, क्योंकि इसमें बैंक को कम जोखिम होता है। इसके अलावा, यह लोन लंबी अवधि (5 से 30 साल तक) के लिए मिल सकता है, जिससे उधार लेने वाले के लिए ईएमआई को चुकाना आसान हो जाता है।

यह लोन घर खरीदने, व्यापार बढ़ाने, उच्च शिक्षा, मेडिकल इमरजेंसी या किसी अन्य बड़ी ज़रूरत के लिए लिया जाता है। हालाँकि, इसे लेने से पहले अपनी वित्तीय स्थिति का सही आकलन करना आवश्यक है, ताकि भविष्य में भुगतान संबंधी परेशानियों का सामना आपको ना करना पड़े।

1. होम लोन

नया घर खरीदने, घर बनाने, पहले से मौजूद घर का सुधार करने या किसी पुराने लोन का बैलेंस ट्रांसफर करने आदि के लिए लिया जा सकता है। होम लोन सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत भी मिल सकता है, जिससे पहली बार घर खरीदने वालों को सब्सिडी मिलती है और ब्याज दरें कम हो जाती हैं।

कई वित्तीय संस्थान वेतनभोगी व्यक्तियों, स्वरोजगार करने वालों और बिजनेस मालिकों को उनकी आय और क्रेडिट स्कोर के आधार पर होम लोन प्रदान करते हैं। ब्याज दरें फिक्स्ड और फ़्लेक्सिबल दोनों प्रकार की हो सकती हैं और उधारकर्ता अपनी सुविधा के अनुसार इनमें से चुन सकता है।

यह सिर्फ घर खरीदने में मदद नहीं करता, बल्कि यह एक अच्छा निवेश भी हो सकता है। समय के साथ प्रॉपर्टी की कीमत बढ़ती है, जिससे बाद में इसे बेचने पर ज्यादा फायदा मिल सकता है।इसके अलावा, भारत सरकार होम लोन पर टैक्स में कई तरह के फायदे देती है, जिससे इनकम टैक्स में बचत हो सकती है। लेकिन पहले यह देखना जरूरी है कि आप हर महीने EMI समय पर भर सकें, क्योंकि अगर किस्तें नहीं चुकाईं तो बैंक घर को नीलाम कर सकता है।

होम लोन लेने से पहले अलग-अलग बैंकों की ब्याज दरें, प्रोसेसिंग फीस और चुकाने की अवधि पर ध्यान देना जरूरी होता है। कई बैंक और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां ऑनलाइन होम लोन की सुविधा देती हैं, जिससे प्रोसेस आसान और तेज हो जाता है। अगर सही प्लानिंग और समझदारी से लिया जाए, तो यह जिंदगी का सबसे अहम और फायदेमंद फैसला बन सकता है, जो आपके सपनों का घर पाने में मदद करता है।

2. कार लोन

कार लोन एक ऐसा फाइनेंशियल ऑप्शन है जिसे बैंक और फाइनेंस कंपनियां देती हैं, जिससे ग्राहक अपनी पसंद की कार खरीद सकते हैं और उसे आसान EMI में चुका सकते हैं।

कार लोन दो तरह के होते हैं – न्यू कार लोन और यूज्ड कार लोन। अगर आप नई कार खरीद रहे हैं, तो बैंक कार की ऑन-रोड कीमत का 80% से 100% तक प्राप्त होता हैं, जबकि सेकेंड हैंड कार के लिए यह रकम कम हो सकती है। यह एक सुरक्षित लोन होता है, यानी जब तक पूरा भुगतान नहीं हो जाता, तब तक बैंक का उस कार पर हक रहता है। अगर EMI समय पर नहीं भरी गई, तो बैंक कानूनी प्रक्रिया के तहत कार को जब्त कर सकता है।

ब्याज दर और पुनर्भुगतान

इसमें ब्याज दरें दो तरह की हो सकती हैं – फिक्स्ड और फ्लोटिंग। फिक्स्ड ब्याज दर में पूरी लोन अवधि के दौरान EMI एक जैसी रहती है, जिससे हर महीने एक तय रकम चुकानी पड़ती है और बजट प्लान करना आसान हो जाता है।

दूसरी ओर, फ्लोटिंग ब्याज दर बाजार की मौजूदा दरों पर निर्भर करती है, यानी यह समय-समय पर बदल सकती है। अगर ब्याज दर बढ़ती है, तो आपकी EMI भी बढ़ सकती है, और अगर ब्याज दर कम होती है, तो EMI कम हो सकती है। इसलिए, फ्लोटिंग ब्याज दर में थोड़ा जोखिम होता है, लेकिन अगर ब्याज दरें कम रहती हैं, तो आपको फायदा भी मिल सकता है।

आमतौर पर, कार लोन की अवधि 1 से 7 साल तक होती है, जिसे आप अपनी फाइनेंशियल स्थिति और मासिक भुगतान क्षमता के अनुसार चुन सकते हैं। अगर आपकी इनकम अच्छी है और आप जल्दी लोन चुकाना चाहते हैं, तो कम अवधि के लिए सही हो सकता है। वहीं, अगर आप अपनी EMI कम रखना चाहते हैं, तो ज्यादा अवधि के लिए ले सकते हैं, लेकिन इसमें कुल ब्याज ज्यादा देना पड़ता है।

लोन चुकाने की प्रक्रिया काफी आसान होती है, क्योंकि EMI सीधे आपके बैंक अकाउंट से कट जाती है। अगर आप समय पर EMI भरते हैं, तो आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा बनता है, जिससे भविष्य में फाइनेंशियल फैसिलिटी पाना आसान हो जाता है।

3. गोल्ड लोन

गोल्ड लोन में उधारकर्ता अपने सोने के आभूषणों को गिरवी रखकर बैंक या NBFC से ऋण लेता करता है। यह अल्पकालिक जरूरतों के लिए एक आसान और तेज़ विकल्प में से एक है।

फ़ायदे
  • न्यूनतम दस्तावेज़ के साथ तेजी से मिलता है: अन्य दूसरे लोन की तुलना में बहुत जल्दी स्वीकृत हो जाता है। इसमें बैंकों या NBFCs को ज्यादा जांच-पड़ताल करने की जरूरत नहीं होती, जिस कारण प्रोसेसिंग कुछ ही समय में पूरी हो सकती है। इसमें आमतौर पर सिर्फ आधार कार्ड, पैन कार्ड और एड्रेस प्रूफ जैसे न्यूनतम दस्तावेजों की ही जरूरत होती है।
  • कम ब्याज दर होती है: ब्याज दरें पर्सनल और अन्य असुरक्षित लोन की तुलना में कम होती हैं, जिसमें उधारकर्ता अपने सोने को बैंक या किसी वित्तीय संस्था के पास गिरवी रखता है। ब्याज दर आमतौर पर 7% से 15% तक होती है, जो उधारकर्ता की प्रोफाइल और अवधि के हिसाब से निर्धारित की जाती है।
  • क्रेडिट स्कोर की जरूरत नहीं: क्रेडिट स्कोर नहीं देखा जाता, अगर किसी व्यक्ति का CIBIL स्कोर कम है या उसका क्रेडिट इतिहास अच्छा नहीं है, तब भी उसे गोल्ड लोन आसानी से मिल जाता है।
  • लचीले पुनर्भुगतान विकल्प
  • कई प्रकार के पुनर्भुगतान विकल्प मिलते हैं, जैसे – केवल ब्याज चुकाने का विकल्प, और मूल राशि लोन अवधि के अंत में चुकाना।
  • समान मासिक किश्तों (EMI) में भुगतान।
  • अवधि पूरी होने पर एकमुश्त राशि का भुगतान करना।
  • अपनी जरूरत और सुविधा के अनुसार भुगतान योजना चुन सकते है।
  • किसी भी उद्देश्य के लिए उपयोग किया जा सकता है: इसका उपयोग शिक्षा, चिकित्सा आपातकाल, शादी, व्यवसाय विस्तार या अन्य किसी भी जरूरत के लिए किया जा सकता है। इस पर कोई प्रतिबंध नहीं होता कि उधार लेने वाला इसे केवल किसी विशेष कार्य के लिए ही इस्तेमाल करे।
  • गोल्ड सुरक्षित रहता है: लोन अवधि के दौरान बैंक या NBFC द्वारा सोने को सुरक्षित रूप से रखा जाता है, जिससे इसे चोरी या नुकसान से बचाया जा सकता है। पूर्ण भुगतान के बाद सोना वापस मिल जाता है।
नुकसान
  • समय पर भुगतान न करने पर गिरवी सोना नीलाम किया जा सकता है।
  • ब्याज दर कुछ मामलों में अधिक हो सकती है।
  • केवल जमा किए गए सोने के मूल्य के अनुसार ही लोन मिलता है।

4. लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी

लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी सिक्योर्ड होता है क्योंकि इसमें उधार लेने वाले की संपत्ति बैंक के पास गिरवी रखी जाती है। यदि आप समय पर लोन का पुनर्भुगतान नहीं करते हैं, तो बैंक को कानूनी अधिकार होता है कि वह उस संपत्ति को नीलाम करके अपना बकाया वसूल कर सके। चूंकि बैंक के पास एक संपत्ति की गारंटी होती है, इसलिए इसमें ब्याज दरें कम होती हैं और राशि अधिक मिल सकती है।

लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी के फायदे
  • इसकी ब्याज दरें कम होती हैं। आमतौर पर इसकी ब्याज दर 8% से 14% के बीच होती है, जो क्रेडिट स्कोर, राशि, और बैंक की पॉलिसी पर निर्भर करती है।
  • संपत्ति के बाजार मूल्य का 50% से 80% तक लोन मिल सकता है। यह राशि लाखों से लेकर करोड़ों तक हो सकती है।
  • अवधि 5 से 20 साल तक हो सकती है, जिससे उधारकर्ता को कम राशि की EMI में भुगतान करने की सुविधा मिलती है और वित्तीय बोझ कम होता है।
  • संपत्ति बैंक के पास गिरवी रहती है, लेकिन इसका स्वामित्व उधारकर्ता के पास ही बना रहता है। चुकाने के बाद संपत्ति दोबारा उधारकर्ता के नाम हो जाती है।
  • राशि का उपयोग किसी भी प्रकार की वित्तीय जरूरत के लिए किया जा सकता है, जैसे कि
  • बिजनेस विस्तार
  • चिकित्सा आपातकाल
  • उच्च शिक्षा
  • शादी
  • किसी अन्य उच्च लागत वाले खर्च के लिए
  • समय पर EMI देना क्रेडिट स्कोर को बेहतर बनाता है, जिससे भविष्य में अन्य लोन लेना आसान हो जाता है।
नुकसान
  • संपत्ति नीलाम हो सकती है – चुका ना पाने की स्थिति में बैंक संपत्ति को नीलाम कर सकता है।
  • लम्बे समय में अधिक ब्याज भुगतान – लंबी अवधि के कारण कुल ब्याज ज्यादा हो सकता है।
  • प्रॉपर्टी दस्तावेजों की जाँच – यदि दस्तावेज सही न हों, तो लोन नहीं मिल पाएगा।
  • लोकेशन और कंडीशन का असर – सभी प्रॉपर्टीज पर लोन नहीं मिलता, जैसे कि ग्रामीण या विवादित संपत्तियाँ।
  • प्रोसेसिंग में अधिक समय – प्रॉपर्टी वेरिफिकेशन और दस्तावेजों की जाँच के कारण प्रक्रिया लंबी होती है।

5. मशीनरी लोन

यह एक प्रकार का बिजनेस लोन होता है, जिसे किसी उद्योग या व्यापार में आवश्यक मशीनरी खरीदने के लिए लिया जाता है। यह छोटे, मध्यम और बड़े व्यापारियों के लिए उपयोगी होता है जैसे निर्माण, विनिर्माण, कृषि, फूड प्रोसेसिंग, और अन्य औद्योगिक कार्य के लिए।

फायदे
  • व्यवसाय विस्तार में मदद मिलती है: नए और एडवांस उपकरण खरीदकर उत्पादन क्षमता बढ़ाई जा सकती है।
  • कैश फ्लो पर प्रभाव नहीं पड़ता: मशीनरी खरीदने के लिए बड़ी पूंजी खर्च करने की जरूरत नहीं होती।
  • टैक्स बेनिफिट्स: कुछ योजनाओं द्वारा सरकार से टैक्स डिडक्शन का लाभ मिल सकता है।
  • कम ब्याज दरें: इसकी ब्याज दर अन्य बिजनेस लोन की तुलना में कम हो सकती है।
  • लंबी अवधि में चुका सकते हैं: कई वर्षों में ईएमआई के रूप में चुकाया जा सकता है।

मशीनरी लोन व्यवसाय को अपग्रेड करने और प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ने का एक अच्छा विकल्प हो सकता है। सही योजना और रिसर्च के साथ इसे लेना फायदेमंद साबित हो सकता है। विभिन्न योजनाओं की तुलना करें और अपने व्यवसाय के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प को चुनें।

6. एफडी पर लोन

ये एक प्रकार का सिक्योर्ड लोन होता है, जिसमें बैंक या वित्तीय संस्थान आपकी FD को गिरवी रखकर आपको लोन देते हैं। यह उन लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प होता है, जिन्हें तुरंत पैसों की जरूरत होती है लेकिन वे अपनी FD को तोड़ना नहीं चाहते हैं।

FD पर लोन की पात्रता
  • वही व्यक्ति ले सकता है जिसके नाम से FD है।
  • बैंक में FD का रिकॉर्ड साफ-सुथरा होना चाहिए (किसी तरह का होल्ड या लायबिलिटी नहीं होनी चाहिए)।
  • जॉइंट FD में सभी धारकों की सहमति की आवश्यकता होती है।

अगर आपको कम ब्याज दर पर तुरंत पैसे चाहिए और आपकी FD पहले से मौजूद है, तो FD पर लोन लेना एक बढ़िया विकल्प हो सकता है। यह उन लोगों के लिए बेहतर है जो अपनी सेविंग्स के साथ छेड़-छाड़ ना करके फाइनेंशियल जरूरतें पूरी करना चाहते हैं।

7. शेयर या म्यूचुअल फंड पर लोन

शेयर या म्यूचुअल फंड पर लोन में आपके निवेश को गिरवी रखकर बैंक या वित्तीय संस्थान आपको लोन प्रदान करते हैं। यदि आपके पास शेयर या म्यूचुअल फंड में निवेश है और आपको पैसे की जरूरत है, लेकिन आप अपने निवेश को बेचना नहीं चाहते, तो यह एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

यह सुविधा कई बड़े बैंक (SBI, HDFC, ICICI, Axis आदि) और NBFC (Bajaj Finserv, Tata Capital, Muthoot Finance आदि) प्रदान करते हैं। कम ब्याज दर पर, आसान दस्तावेज़ीकरण के साथ, और तेज प्रोसेसिंग के तहत मिलता है, जिससे यह एक आकर्षक विकल्प बन जाता है।

शेयर या म्यूचुअल फंड पर लोन कैसे काम करता है?
  • जब आप शेयर या म्यूचुअल फंड को गिरवी रखते हैं, तो बैंक आपको उसकी वर्तमान मार्केट वैल्यू का एक निश्चित प्रतिशत लोन के रूप में देता है।
  • ओवरड्राफ्ट या टर्म लोन के रूप में लिया जा सकता है।
  • राशि का निर्धारण आपकी होल्डिंग्स के प्रकार, उनकी तरलता, जोखिम और मूल्य के आधार पर किया जाता है।
  • यदि बाजार में शेयरों या म्यूचुअल फंड्स का मूल्य गिरता है, तो बैंक आपको अतिरिक्त सिक्योरिटी देने या कुछ लोन चुकाने के लिए कह सकता है जिसे मार्जिन कॉल कहा जाता है।

ब्याज दर आमतौर पर 10% से 15% के बीच होती है। यह दर बैंक, आपके निवेश की गुणवत्ता, और आपकी क्रेडिट प्रोफाइल के आधार पर तय होती है।

अवधि आमतौर पर अधिकतम 3 साल तक होती है, लेकिन यह बैंक और उधारकर्ता की जरूरतों के अनुसार भिन्न हो सकती है। कुछ संस्थान रिन्युअल ऑप्शन के साथ भी प्रदान करते हैं। प्रोसेसिंग के दौरान बैंक या NBFC एक शुल्क लेती है, जो आमतौर पर यह राशि का 0.5% से 2% तक हो सकता है।

रीपेमेंट विकल्प:
  • टर्म लोन: आपको नियमित EMI के रूप में इसका भुगतान करना होगा। यह विकल्प उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो निश्चित मासिक भुगतान करना चाहते हैं।
  • ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी: इस सुविधा में आपको एक क्रेडिट लिमिट दी जाती है, और आप जितनी राशि का उपयोग करेंगे, उतने पर ही ब्याज लगेगा। यह उन निवेशकों के लिए फायदेमंद होता है जो लचीलेपन के साथ फंड का उपयोग करना चाहते हैं।

राशि मार्केट वैल्यू के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करती है। यदि आपके शेयर या म्यूचुअल फंड की कीमत गिरती है, तो बैंक या NBFC आपसे अतिरिक्त सिक्योरिटी देने या लोन राशि का कुछ हिस्सा चुकाने की मांग कर सकता है। इसे मार्जिन कॉल कहा जाता है, और यदि आप इसका पालन नहीं करते हैं, तो बैंक आपके निवेश को बेच सकता है।

जोखिम और नुकसान
  • मार्जिन कॉल: यदि शेयर या म्यूचुअल फंड की वैल्यू गिरती है, तो बैंक आपसे अतिरिक्त सिक्योरिटी की मांग कर सकता है।
  • न चुकाने पर शेयर जब्त हो सकते हैं: यदि आप समय पर लोन नहीं चुकाते, तो बैंक आपके शेयर या म्यूचुअल फंड बेच सकता है।
  • सीमित राशि – यह आपकी होल्डिंग्स के मूल्य पर निर्भर करता है और जरूरत के हिसाब से पर्याप्त नहीं हो सकता।

8. एग्रीकल्चर लोन

कृषि ऋण (एग्रीकल्चर लोन) किसानों को उनकी कृषि संबंधित ज़रूरतों को पूरा करने के लिए दिया जाता है। यह किसान द्वारा खेती से जुड़े विभिन्न कार्यों जैसे बीज, खाद, सिंचाई, उपकरण, पशुपालन, बागवानी, और कृषि भूमि खरीदने आदि के लिए लिया जा सकता है।

सरकारी बैंक और कई वित्तीय संस्थान किसानों को कम ब्याज दर और सरकारी सब्सिडी के साथ यह लोन देते हैं ताकि वे खेती को अधिक उत्पादक और लाभदायक बना सकें।

पात्रता

कृषि ऋण प्राप्त करने के लिए किसानों को कुछ शर्तों को पूरा करना होता है। पात्रता मानदंड निम्नलिखित हैं:

  • आवेदक किसान होना चाहिए – व्यक्तिगत किसान, संयुक्त किसान समूह, किसान उत्पादक संगठन (FPOs) और सहकारी समितियां यह ले सकते हैं।
  • कृषि कार्य में संलग्नता – आवेदक को कृषि, बागवानी, मत्स्य पालन, डेयरी फार्मिंग, या इससे जुड़े अन्य कार्यों में संलग्न होना चाहिए।
  • आयु सीमा – किसान की उम्र 18 से 75 वर्ष के बीच होनी चाहिए। वृद्ध किसानों के लिए सह-आवेदक की आवश्यकता हो सकती है।
  • भूमि स्वामित्व – आवेदक के पास कृषि भूमि होनी चाहिए, हालांकि कुछ योजनाओं में बिना भूमि के भी लोन मिल सकता है, जैसे पशुपालन, मधुमक्खी पालन, आदि।
  • क्रेडिट स्कोर – हालांकि इसके लिए बहुत सख्त CIBIL स्कोर की आवश्यकता नहीं होती, परंतु एक अच्छा स्कोर लोन अप्रूवल में मददगार होता है।
  • सरकारी योजनाओं से लिंक – प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि या अन्य सरकारी योजनाओं के लाभार्थी किसानों को प्राथमिकता दी जाती है।
फ़ायदे
  • कम ब्याज दर होता है: सरकार किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए इसपर सब्सिडी देती है, जिससे ब्याज दर बहुत कम (लगभग 4-7%) होती है।
  • कृषि कार्यों के लिए सहायता: किसान इसका उपयोग बीज, खाद, कीटनाशक, सिंचाई, ट्रैक्टर, कृषि मशीनरी, और पशुपालन के लिए कर सकते हैं।
  • सरकारी सब्सिडी और योजनाएं: सरकार कई योजनाओं के तहत किसानों को ऋण पर छूट, ब्याज सब्सिडी, और क्रेडिट गारंटी प्रदान करती है। जैसे किसान क्रेडिट कार्ड के तहत किसानों को आसान शर्तों पर मिलता है।
  • लचीला पुनर्भुगतान: भुगतान को किसानों की फसल की कटाई और आमदनी के अनुसार निर्धारित किया जाता है। आमतौर पर यह भुगतान छमाही या वार्षिक किस्तों में किया जाता है।
  • बीमा सुरक्षा: कई कृषि ऋण योजनाओं में फसल बीमा और किसान सुरक्षा योजनाएँ भी शामिल होती हैं, जिससे प्राकृतिक आपदाओं या खराब फसल की स्थिति में राहत मिलती है।
  • बड़े और छोटे किसानों के लिए उपयुक्त: छोटे किसान कम राशि के लिए, जबकि बड़े किसान उन्नत तकनीक, आधुनिक मशीनरी, और बड़ी खेती के लिए अधिक लोन प्राप्त कर सकते हैं।

यदि कृषि लोन को सही योजना के साथ और समझदारी से लिया जाए, तो व्यक्तिगत और व्यावसायिक जरूरतों को पूरा करने का एक मजबूत साधन साबित हो सकता है। लेकिन इसे केवल आवश्यकतानुसार और जिम्मेदारी से लेना चाहिए ताकि भविष्य में किसी वित्तीय संकट का सामना न करना पड़े।

असुरक्षित लोन

असुरक्षित लोन बिना कोई संपत्ति या गारंटी रखे लिया जा सकता है। यह बैंक या वित्तीय संस्थान आपकी क्रेडिट हिस्ट्री, इनकम, नौकरी और भुगतान की क्षमता के आधार पर देते हैं। इसमें पर्सनल, एजुकेशन, क्रेडिट कार्ड, बिना गारंटी वाला बिजनेस और माइक्रोफाइनेंस लोन आदि शामिल होते हैं।

क्योंकि इसमें बैंक का रिस्क ज़्यादा होता है, इसलिए इसकी ब्याज दरें भी ज़्यादा होती हैं, जो आमतौर पर 10% से 24% तक हो सकती हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको कोई संपत्ति गिरवी रखने की जरूरत नहीं होती और अप्रूवल जल्दी हो जाता है। लेकिन अगर समय पर नहीं चुकाया तो क्रेडिट स्कोर खराब हो सकता है और भारी पेनल्टी भी लग सकती है।

1. पर्सनल लोन

बिना किसी गारंटी या संपत्ति गिरवी रखे लिया जा सकता है। इसे शादी, मेडिकल इमरजेंसी, यात्रा, शिक्षा, घर की मरम्मत या दूसरी पर्सनल जरूरतों के लिए लिया जाता है। बैंक और एनबीएफसी (Non-Banking Financial Companies) इसे आपकी इनकम, क्रेडिट स्कोर, नौकरी और लोन चुकाने की क्षमता के आधार पर देते हैं।

पर्सनल लोन की ब्याज दरें ज़्यादा होती हैं, क्योंकि इसमें बैंक का रिस्क ज़्यादा होता है। आमतौर पर ब्याज दर 10% से 24% तक हो सकती है, जो लोन देने वाली संस्था, आपकी इनकम और क्रेडिट स्कोर पर निर्भर करती है।

इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसे जल्दी अप्रूव किया जाता है, कम दस्तावेज़ों की जरूरत होती है, और इसे किसी भी पर्सनल काम में इस्तेमाल किया जा सकता है। साथ ही, आपको कोई प्रॉपर्टी गिरवी रखने की जरूरत नहीं होती।

लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हैं – ब्याज दरें ज़्यादा होती हैं, और अगर समय पर ईएमआई नहीं चुकाई तो भारी पेनल्टी लग सकती है और क्रेडिट स्कोर भी खराब हो सकता है। इसलिए, ब्याज दरें और शर्तें अच्छे से समझना जरूरी है।

2. एजुकेशन लोन

विद्यार्थियों को उनकी पढ़ाई के खर्च पूरे करने के लिए मिलता है। इसे इंडिया में या विदेश में पढ़ाई करने के लिए लिया जा सकता है। इससे ट्यूशन फीस, होस्टल का खर्च, किताबें, सफर का खर्च और बाकी पढ़ाई से जुड़ी जरूरतें पूरी की जा सकती हैं।

एजुकेशन लोन के प्रकार:

  • विदेश में पढ़ाई के लिए: विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए दिया जाता है, जिसमें रहने और अन्य खर्च भी कवर होते हैं।
  • देश में पढ़ाई के लिए: भारत में ग्रेजुएशन, पोस्ट-ग्रेजुएशन, प्रोफेशनल कोर्स, डिप्लोमा आदि के लिए दिया जाता है।
विशेषताएँ

एजुकेशन लोन स्टूडेंट के नाम पर लिया जाता है, लेकिन माता-पिता या गार्जियन को को-एप्लिकेंट बनाना जरूरी होता है। इसका मतलब ये है कि अगर स्टूडेंट चुकाने में दिक्कत महसूस करे, तो को-एप्लिकेंट इसकी जिम्मेदारी ले सके।

रकम कोर्स और कॉलेज के हिसाब से तय होती है। यह ₹50,000 से लेकर ₹50 लाख या उससे ज्यादा भी हो सकती है, खासकर अगर एडमिशन किसी बड़े भारतीय या विदेशी यूनिवर्सिटी में हुआ हो। इस लोन से ट्यूशन फीस, होस्टल चार्ज, किताबें और बाकी पढ़ाई के खर्च पूरे किए जा सकते हैं।

सरकार भी कुछ स्टूडेंट्स को सब्सिडी और कम ब्याज दर पर लोन देती है, खासतौर पर आर्थिक रूप से कमजोर (EWS) परिवारों और महिलाओं को। कुछ स्कीम में सरकार ब्याज का कुछ हिस्सा खुद भरती है, जिससे स्टूडेंट्स पर बोझ कम पड़ता है।

इसकी सबसे अच्छी बात ये है कि EMI भरने की टेंशन पढ़ाई के दौरान नहीं रहती। आमतौर पर, चुकाने की शुरुआत कोर्स पूरा होने के एक साल बाद या जॉब लगने के 6 महीने बाद करनी होती है, जिससे स्टूडेंट्स को करियर सेट करने के लिए पूरा वक्त मिल जाता है।

एजुकेशन लोन के लाभ
  • बिना पैसे की टेंशन पढ़ाई जारी रखें: स्टूडेंट्स बिना तुरंत बड़ी रकम चुकाए अपनी पढ़ाई पूरी कर सकते हैं, खासकर महंगे कोर्स या विदेश में पढ़ाई के लिए।
  • सरकारी सब्सिडी और कम ब्याज दर: महिलाओं और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए सरकार रियायती ब्याज दर पर लोन देती है, जिससे उन्हें पढ़ाई में मदद मिलती है।
  • टैक्स में छूट का फायदा: इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80E के तहत, एजुकेशन लोन के ब्याज पर टैक्स बचाने का बेनिफिट मिलता है, जिससे चुकाने का बोझ कम होता है।

3. मेडिकल लोन

बीमारी या मेडिकल इमरजेंसी कभी भी आ सकती है, और कई बार इलाज के लिए बहुत सारे पैसे चाहिए होते हैं। ऐसे में मेडिकल लोन बड़ी मदद कर सकता है। इससे अस्पताल का खर्च, सर्जरी, दवाइयाँ, टेस्ट, डे-केयर ट्रीटमेंट और इमरजेंसी मेडिकल खर्च आसानी से कवर हो जाते हैं।

विशेषताएँ:
  • त्वरित अप्रूवल: मेडिकल आपात स्थिति को देखते हुए, यह 24 से 48 घंटे में स्वीकृत हो सकता है।
  • ब्याज दर: यह आमतौर पर 10% से 24% तक हो सकता है, जो लोन देने वाली संस्था और उधारकर्ता की क्रेडिट हिस्ट्री पर निर्भर करता है।
  • चुकाने की अवधि: 6 महीने से 5 साल तक की ईएमआई योजना उपलब्ध होती है।
  • कैशलेस विकल्प: कुछ बैंक और एनबीएफसी सीधे अस्पताल को भुगतान कर सकते हैं।
क्यों लें?
  • मेडिकल इंश्योरेंस होने के बावजूद कुछ खर्च ऐसे होते हैं जो कवर नहीं होते, इसलिए यह सहायक हो सकता है।
  • महंगे ट्रीटमेंट जैसे किडनी ट्रांसप्लांट, कैंसर थेरेपी और कॉस्मेटिक सर्जरी के लिए यह उपयोगी हो सकता है।
  • इसका उपयोग बुजुर्गों, बच्चों या परिवार के अन्य सदस्यों के इलाज के लिए भी किया जा सकता है।

4. ट्रैवल लोन

आजकल घूमना सिर्फ मस्ती या आराम के लिए नहीं होता, बल्कि कई बार पढ़ाई, धार्मिक यात्रा, मेडिकल ट्रीटमेंट, बिजनेस ट्रिप या फैमिली ट्रिप के लिए भी बाहर जाना पड़ता है। ऐसे में अगर तुरंत पैसों की जरूरत हो, तो ट्रैवल लोन मदद कर सकता है।

विशेषताएँ

ट्रैवल लोन से अलग-अलग तरह की यात्राओं के खर्च पूरे किए जा सकते हैं। इसमें देश-विदेश की यात्रा, हनीमून ट्रिप, फैमिली वेकेशन, धार्मिक यात्रा, बिजनेस टूर और मेडिकल टूरिज्म जैसी जरूरतें शामिल हैं।

  • राशि ₹50,000 से लेकर ₹10 लाख तक हो सकती है, जो आपकी यात्रा की लागत पर निर्भर करती है। इसमें हवाई टिकट, होटल बुकिंग, टूर पैकेज, लोकल ट्रांसपोर्टेशन, वीसा फीस, और शॉपिंग खर्च भी कवर किया जाता है।
  • चुकाने की अवधि 6 महीने से लेकर 5 साल तक हो सकती है, जिससे उधारकर्ता को अपनी सुविधा के अनुसार ईएमआई चुनने का विकल्प मिलता है।
  • कई बैंक और एनबीएफसी कंपनियाँ ट्रैवल लोन पर No-Cost EMI का विकल्प देती हैं, जिससे ग्राहक बिना अतिरिक्त ब्याज चुकाए अपनी यात्रा के खर्चों को मैनेज कर सकते हैं।
ट्रैवल लोन किन्हें लेना चाहिए?

यह हर उस व्यक्ति के लिए फायदेमंद हो सकता है, जो अपनी यात्रा को आर्थिक रूप से आसान बनाना चाहता है। लेकिन कुछ विशेष श्रेणियों के लोगों के लिए यह लोन विशेष रूप से लाभदायक हो सकता है:

  • यदि कोई परिवार एक साथ छुट्टी पर जाना चाहता है लेकिन एक बार में बड़ी रकम खर्च करना संभव नहीं है, तो ट्रैवल लोन एक आसान समाधान है। इसके माध्यम से वे अपनी यात्रा का आनंद ले सकते हैं और धीरे-धीरे इसे चुका सकते हैं।
  • उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने वाले छात्रों को शुरुआत में फ्लाइट टिकट, वीसा शुल्क, अस्थायी आवास और अन्य यात्रा खर्चों के लिए धन की जरूरत होती है। ट्रैवल लोन उनकी इस आवश्यकता को पूरा करने में मदद करता है।
  • बिजनेस के उद्देश्य से यात्रा करने वाले प्रोफेशनल्स को कई बार कम समय में बड़ी रकम की आवश्यकता होती है। ऐसे में, यह उन्हें अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद कर सकता है।

5. माइक्रोफाइनेंस लोन

यह एक ऐसा लोन है, जो छोटे व्यापारियों, स्वयं सहायता समूह, महिलाओं, किसानों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को दिया जाता है, ताकि वे अपने छोटे व्यवसायों को शुरू कर सकें या आगे बढ़ा सकें।

माइक्रोफाइनेंस लोन की विशेषताएँ
  • छोटी राशि: आमतौर पर यह लोन ₹5,000 से ₹5 लाख तक दिया जाता है, ताकि छोटे स्तर पर आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिल सके।
  • कोई गारंटी नहीं: इसे प्राप्त करने के लिए कोई संपत्ति गिरवी रखने की आवश्यकता नहीं होती, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोग भी इसे आसानी से ले सकते हैं।
  • महिलाओं को प्राथमिकता: कई माइक्रोफाइनेंस संस्थाएँ (MFIs) महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विशेष योजनाएँ प्रदान करती हैं, जिससे वे छोटे व्यवसाय, कृषि या हस्तशिल्प उद्योग में आगे बढ़ सकें।
  • कम ब्याज दर: पारंपरिक लोन की तुलना में माइक्रोफाइनेंस लोन पर ब्याज दर थोड़ी अधिक हो सकती है, लेकिन फिर भी यह सूदखोरों की ऊँची ब्याज दरों से काफी कम होती है।
  • समूह प्रणाली: कई माइक्रोफाइनेंस संस्थान ग्रुप लोन सिस्टम अपनाते हैं, जिसमें 5-10 लोगों का समूह लोन लेता है और सभी सदस्य इसकी अदायगी के लिए जिम्मेदार होते हैं। इससे वसूली आसान हो जाती है।
किन्हें लेना चाहिए?
  • छोटे व्यवसायी और स्ट्रीट वेंडर्स: उन छोटे व्यापारियों के लिए फायदेमंद है, जो गली-मोहल्लों में दुकान लगाते हैं या फुटकर व्यापार करते हैं। उदाहरण के लिए, सब्जी विक्रेता, दर्जी, लोहार, बुनकर आदि इस लोन का उपयोग अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए कर सकते हैं।
  • महिलाएँ और स्वयं सहायता समूह (SHGs): विशेष रूप से गृहिणियों और छोटे स्तर पर काम करने वाली महिलाओं के लिए मददगार होता है। वे इससे हस्तशिल्प, सिलाई-कढ़ाई, डेयरी फार्मिंग, मुर्गी पालन और कृषि से जुड़े काम शुरू कर सकती हैं।
  • किसान और कृषि उद्यमी: किसानों को बीज, उर्वरक, सिंचाई उपकरण और पशुपालन से संबंधित खर्चों को पूरा करने में मदद करता है।
  • असंगठित क्षेत्र के श्रमिक: ऑटो-रिक्शा चालक, बढ़ई, कुम्हार, मोची और अन्य श्रमिक इस लोन का उपयोग अपने औजार या उपकरण खरीदने के लिए कर सकते हैं।
लाभ
  • आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को वित्तीय सहायता मिलती है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकते हैं।
  • बैंकों की जटिल प्रक्रियाओं से बचाव होता है, क्योंकि यह लोन कम दस्तावेजों में आसानी से मिल जाता है।
  • महिलाओं को स्वरोजगार और छोटे व्यवसाय शुरू करने में सहायता मिलती है, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार होता है।
  • किसानों को कृषि संबंधित खर्चों के लिए पूंजी मिलती है, जिससे वे अधिक उत्पादन कर सकते हैं।
  • ग्रामीण और शहरी गरीबों को साहूकारों के ऊँचे ब्याज दरों से बचने का विकल्प मिलता है।

6. बिना गारंटी वाला बिजनेस लोन

बिजनेस को बढ़ाने या स्टार्टअप शुरू करने के लिए पर्याप्त पूंजी जरूरी होती है, लेकिन सभी व्यापारियों के पास संपत्ति गिरवी रखने का विकल्प नहीं होता। ऐसे में बिना गारंटी वाला बिजनेस लोन एक बेहतरीन समाधान हो सकता है।

विशेषताएँ:
  • ₹50,000 से ₹50 लाख तक मिलता है, जो बिजनेस के आकार पर निर्भर करता है।
  • स्टार्टअप्स, SMEs, और सेल्फ-एम्प्लॉयड प्रोफेशनल्स को दिया जाता है।
  • ब्याज दर 12% से 28% तक हो सकती है, जो उधारकर्ता के क्रेडिट स्कोर और कारोबार के प्रदर्शन पर निर्भर करती है।
  • आमतौर पर इसकी अवधि 1 से 5 साल होती है।
किन व्यापारियों के लिए फायदेमंद?
  • जिन्हें बिजनेस सेटअप के लिए पूंजी की जरूरत होती है।
  • मैन्युफैक्चरिंग, ट्रेडिंग और सर्विस इंडस्ट्री के छोटे व्यापारी, जिन्हें अपने बिजनेस का विस्तार करना होता है।
  • डॉक्टर, इंजीनियर, आर्किटेक्ट और अन्य प्रोफेशनल्स, जो अपनी प्रैक्टिस बढ़ाने के लिए धन चाहते हैं।

7. कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन

आजकल टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, लैपटॉप और मोबाइल जैसी चीजें हर घर की जरूरत बन गई हैं। लेकिन इनकी कीमत ज्यादा होने की वजह से हर कोई तुरंत नहीं खरीद पाता। ऐसे में कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन एक अच्छा ऑप्शन है, जिससे आप आसानी से अपनी जरूरत की चीजें खरीद सकते हैं और बाद में आराम से किश्तों में चुका सकते हैं।

ग्राहकों को उनकी पसंदीदा उपभोक्ता वस्तुएँ बिना तुरंत भुगतान किए खरीदने की सुविधा देता है, जिसे वे बाद में आसान मासिक किश्तों (EMI) में चुका सकते हैं।

कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन की विशेषताएँ और लाभ

बैंक, नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFCs) और रिटेल स्टोर्स से लिया जा सकता है।

  • No-Cost EMI और जीरो डाउन पेमेंट – कई कंपनियाँ बिना अतिरिक्त ब्याज और एडवांस पेमेंट के सामान खरीदने की सुविधा देती हैं।
  • राशि – ₹10,000 से लेकर ₹5 लाख तक का लोन मिल सकता है।
  • रिपेमेंट पीरियड – इसे 3 महीने से 3 साल तक की किश्तों में चुकाया जा सकता है।
  • क्रेडिट कार्ड के बिना भी उपलब्ध – कुछ बैंक और NBFCs बिना क्रेडिट कार्ड के भी यह लोन देते हैं, जिससे ज्यादा लोग इसका फायदा उठा सकते हैं।
ध्यान देने योग्य बातें

आपको आसानी से जरूरत की चीजें खरीदने में मदद करता है, लेकिन लेने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। सबसे पहले, यह समझें कि लोन पर कितना ब्याज लगेगा और प्रोसेसिंग फीस कितनी होगी, क्योंकि कई बार कुछ प्लान में छुपे हुए चार्ज भी होते हैं।

दूसरा, EMI ऐसी चुनें जो आपकी मासिक आय के मुताबिक हो, ताकि बाद में यह बोझ न बने। साथ ही, किस्तें समय पर चुकाने से क्रेडिट स्कोर अच्छा रहता है, जिससे आगे बड़े लोन लेना आसान हो जाता है। अगर सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए, तो कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन आपकी जिंदगी को ज्यादा आरामदायक और सुविधाजनक बना सकता है।

ध्यान में रखने योग्य बातें

कारकमहत्व
ब्याज दरउच्च ब्याज दर का मतलब होता है अधिक लागत। लेने से पहले विभिन्न दरों की तुलना करें।
अवधिलंबी अवधि से मासिक भुगतान कम हो सकते हैं, लेकिन कुल ब्याज अधिक हो सकता है।
चुकाने की क्षमतायह सुनिश्चित करें कि आप मासिक भुगतान के लिए तैयार हैं और यह आपके वित्तीय बोझ को नहीं बढ़ाएगा।
लेंडर की प्रतिष्ठाएक अच्छे लेंडर को चुनें ताकि छिपे हुए शुल्क और अनुचित शर्तों से बचा जा सके।
शुल्कध्यान रखें कि किसी भी शुल्क का पता चलने से पहले। इनमें आरंभिक शुल्क, देर से भुगतान शुल्क आदि शामिल हो सकते हैं।

लोन को सही से समझना जरूरी है, ताकि आप बेहतर वित्तीय फैसले ले सकें। यह घर खरीदने, पढ़ाई के खर्च या किसी इमरजेंसी में आपकी मदद कर सकता है। लेकिन पहले यह जरूर देखें कि आप इसे चुकाने में सक्षम हैं और इसकी शर्तें, ब्याज दर और अन्य चार्ज अच्छे से समझ लें।

All Time Popular Topics

इक्विटी फंड क्या होता है? – निवेश कैसे करें और सम्बंधित जोखिम।

इक्विटी फंड भी एक प्रकार का म्यूचुअल फंड होता...

म्यूचुअल फंड: निवेश के लिए एक बेहतरीन विकल्प क्यों हैं?

धन सम्पत्ति संचय और वित्तीय लक्ष्यों को पाने के...

वित्तीय सफलता के लिए घरेलू बजट कैसे बनाएं और क्यों

घरेलू बजट बनाना सिर्फ पैसे का हिसाब रखना नहीं,...

ऋण प्रबंधन क्या है, प्रकार, गलतियाँ और प्रभावी रणनीतियाँ

ऋण किसी भी व्यक्ति की आर्थिक स्थिति का अहम...

डायरेक्ट vs रेगुलर म्यूचुअल फंड – कौन सा चुनें?

यह तो हम सभी जानते हैं कि म्यूचुअल फंड...

Other Topics

म्यूचुअल फंड बनाम शेयर मार्केट, आपके लिए कौन सा बेहतर है

समझदार लोग अपनी कमाई को सिर्फ सेविंग अकाउंट में...

इक्विटी फंड क्या होता है? – निवेश कैसे करें और सम्बंधित जोखिम।

इक्विटी फंड भी एक प्रकार का म्यूचुअल फंड होता...

वैश्विक बनाम घरेलू म्यूचुअल फंड: किस में निवेश बेहतर है

जब निवेश की बात होती है, तो शेयर बाजार...

क्रेडिट स्कोर क्या है, रिपोर्ट समझे और इसे कैसे बढ़ाएँ

क्रेडिट स्कोर एक तीन अंक संख्या होती है, जो...

SIP क्या है – और आपको इसे क्यों शुरू करना चाहिए

स्मार्ट तरीके से निवेश करना आपके फाइनेंशियल टारगेट तक...

वित्तीय सफलता के लिए घरेलू बजट कैसे बनाएं और क्यों

घरेलू बजट बनाना सिर्फ पैसे का हिसाब रखना नहीं,...

बॉन्ड्स क्या हैं, इसमें निवेश क्यों करना चाहिए?

बॉन्ड्स पैसे निवेश करने का एक आसान और सुरक्षित...

Related Articles

Popular Categories